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पश्चिमी शौचालय का इस्तेमाल कैसे करे? ये शिष्टाचार सीखें

June 23, 2017 | by ashish963@gmail.com

शौचालयों में लिखी ये पंक्तियाँ अक्सर याद आती हैं,’बैठनी को सदैव साफ़ रखें’। यह पंक्ति सरल शब्दों में ही बात समझा देती है। ऐसे कई शौचालय के शिष्टाचार की बातें हमें दफ्तर, सार्वजानिक स्थानों, अतिथि घरों व होटलों में बताई जाती है कि शौचालय के इस्तेमाल के बाद उसे कैसी हालत में न छोड़ें। किसी भी पश्चिमी शौचालय का प्रयोग, चाहे वह कहीं भी हो, इस प्रकार किया जाना चाहिए कि वह अगले व्यक्ति के लिए साफ़ रहे। यह सब प्रत्यक्ष नियम हैं – शौचालय को गंदा नहीं करना चाहिए, अपने मल-मूत्र को संडास के भीतर ही त्यागना चाहिए, संडास पर खड़े नहीं होते हैं – या तो उसकी बैठनी पर बैठा जाता है या उसके आगे खड़े रहना होता है।

पश्चिमी शौचालय के शिष्टाचार

दूसरों को शौचालय में जाने के लिए प्रतीक्षा न करवाएं। पढ़ने की वस्तुएं शौचालय के अंदर कभी न लेकर जाएं। यह आपके ज्ञान वृद्धि की जगह नहीं है।

शौचालय की बैठनी, दरवाज़ों या दीवारों पर कुछ न लिखें, न चित्र बनाकर समय नष्ट करें।

अपनी गंदगी स्वयं साफ़ करें। किसी कर्मचारी के आकर आपके गंद की सफाई करने की प्रतीक्षा न करें।

दरवाज़े को खटखटाकर ये जांचें कि कोई भीतर तो नहीं है, कभी भी द्वार के नीच या चाबी के छेद से अंदर न झाँकें। भीतर जाने के बाद द्वार की कुण्डी लगा लें।

पश्चिमी शौचालय केवल बैठने के लिए होते हैं। इनपर कभी खड़े न हों और न ही पालथी मारकर बैठें।

बार-बार फ्लश करें!

संडास की बैठनी को छूने, दरवाज़े को पकड़ने और बैठनी को सूखा व साफ़ करने के लिए कागज़ के तौलिये का प्रयोग करें।

आरोग्यकर पैड को शौचालय में फ्लश न करें। उसे कूड़ेदान में सही प्रकार लपेटकर फेंकें।

पश्चिमी शौचालय का प्रयोग करने के बाद अपने हाथों को अच्छी तरह से तरल साबुन या हस्त प्रेछक से धो लें। यह स्थान कीटाणुओं से भरा है और ये आप पर न रहें तो ही अच्छा है।

अपनी झोलियों को शौचालय की कोठरी के बाहर किसी बेसिन, अलमारी या मेज़ पर रखें। ये झोलियाँ शौचालय के कीटाणुओं को बाहर हर जगह ले जाती हैं जैसे मेज़, कुर्सी, आपके हाथ, कंधे या कोई और जगह जहाँ आप इसे रखती हैं।

हमारे पुरुष पाठकों के लिए अतिरिक्त सलाह

पुरुष मूत्रालयों में यदि आप पहले व्यक्ति हैं तो सबसे कोने का मूत्रपात्र चुनें। यदि और भी लोग हैं तो कोशिश करें कि आप उनके बिल्कुल बगलवाले मूत्रपात्र का प्रयोग न करें। यदि यह संभव नहीं है अन्य उपयोगकर्ताओं के चेहरे को सीधे या चेहरे के नीचे कहीं भी देखने पर रोक लगाएं और अपने मूत्रविसर्जन पर ध्यान दें!

फर्श पर बूँदें न डालें, तैयार हों, निशाना लगाएं, और सही जगह ही छोड़ें। लक्ष की ओर ध्यान दें।

पेशाब करने से पूर्व संडास की बैठनी को उठा लें और होने के बाद वापस डाल दें। शौचालय को महिलाओं के इस्तेमाल के लिए उपयुक्त छोड़ना सज्जनता का परिचय है। महिलाओं, आपका ऐसा करना भी स्वछता की दृष्टि से सराहनीय होगा!

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