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क्या ये आपका प्रथम गुदा सम्भोग है? क्या करें और क्या नहीं, साथ ही उपभोग सलाह

August 1, 2016 | by ashish963@gmail.com

अगर ये आपका ‘पीछे के द्वार’ से जाने का पहला अनुभव है, तो आप अपने अनुभव का अधिक से अधिक लाभ उठाने हेतु कुछ मूलभूत बातों का ध्यान रखें। अधिकतर धर्मों में गुदा सम्भोग एक अमान्य कार्य है और जब बात इसको उपभोग करने या न करने की आती है, तो ये एक बहुत वैवादिक विषय है। परन्तु हर व्यक्ति की पीड़ा और आनंद की अपनी परिभाषा होती है। अतः मेरे विचार से यह तय करने से पहले कि आप इसे नहीं कर सकते या इसका मज़ा नहीं ले सकते, आपको थोड़ी कोशिश कर लेनी चाहिए। पीछे के द्वार से गुजरने से पहले यहाँ दिए गए कुछ सलाहों का ध्यान रखें कि क्या करें और क्या न करें:

गुदा सम्भोग में क्या करें

  • पहले अपने संगी से इस क्रिया के बारे में चर्चा करें – यह सुनिश्चित करें कि आप दोनों की क्या अपेक्षाएं हैं। अगर आप दोनों इसे आज़माना चाहते हैं तो आप दोनों के विचार समान हों।
  • तन के बाकि हिस्सों के साथ क्रीड़ा करें – अधिक उपभोग करने के लिए अपनी योनि, भग-शिश्न तथा गुदा के किनारे को उत्तेजित करते रहें।
  • पहले स्वयं इसका प्रयास करें – शैया पर अपने संगी के साथ होने से पूर्व आप इसका अभ्यास अपनी ऊँगली, शिश्न के प्रतिरूप या कम्पित्र से स्वयं कर लें तो उत्तम रहेगा जिससे आपको कम पीड़ा होगी। इससे आपकी संकोचक पेशियाँ ढीली हो जाएंगी ताकि लिंग सहजता से भेद सके।
  • फुहारे में स्नान लें – गुदा सम्भोग से पहले फुहारे के नीचे थोड़ी काम क्रिया में आसक्त हों। यह न केवल आपकी सही मनोदशा बनाएगा, अपितु आपको यह तसल्ली हो जाएगी कि आप दोनों क्रिया से पूर्व पूरी तरह से स्वच्छ हैं। अपनी योनि और गुदा के बाहरी भाग धोना न भूलें।
  • शांत रहें – शांत चित्त रहने से आपकी संकोचक पेशियाँ ढीली हो जाएंगी, जिससे आप गुदा सम्भोग का अधिक उपभोग कर सकें।
  • क्रिया को आराम से करें – संगी को आपकी बात समझने को कहें। इस प्रकार जब भी आपको पीड़ा हो, तो वह तुरंत रुक सके और कुछ क्षणों के बाद क्रिया जारी रखे। जब वह आपके भीतर हो, तो संकोचक पेशियों को भेदन का अभ्यास हो जायेगा जिससे और अंदर भेदने में सहजता होगी।

गुदा सम्भोग में क्या न करें

  • स्नेहक को भूलना – इससे बहुत बड़ा अनर्थ हो जायेगा। जल-आधारित स्नेहक जितना अधिक होगा, गुदा सम्भोग उतना ही बेहतर होगा क्योंकि गुदा का अपना कोई उपस्नेहन नहीं होता है। इससे भेदन सरलता से होता है।
  • श्वास लेना भूलना – यह प्रसव के समान है (बिल्कुल उस जैसा नहीं, पर स्वयं को याद दिलाते रहना कि पीड़ा होने पर भी सांस लेते रहें)। जब भेदन आरम्भ हो तो लगातार सांस लेते रहें, क्योंकि श्वास रोकने से पेशियाँ कस जाती हैं और भेदन कठिन हो जाता है। आपको जोर से पेशाब लग सकती है पर उसे दबा दें।
  • काम क्रिया को भूलना – एक या दो बार कामोन्माद करने से आप प्रेरित रहेंगे और आपकी पेशियाँ भी ढीली रहेंगी।

जब आप प्रारंभिक पीड़ा का सामना कर लेंगे, तब उपभोग और अधिक होगा!

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