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हर मौसम में हाइड्रेटेड रहने के प्राकृतिक और स्वस्थ तरीके

February 24, 2018 | by ashish963@gmail.com

सिर में हल्कापन, थकान और अत्यधिक प्यास निर्जलीकरण के प्रमुख लक्षण हैं। हमारा आधे से ज्यादा शरीर जल से निर्मित है और ज्यादातर शारीरिक कार्य में हम यह जल उपयोग करते हैं। ग्रीष्म ऋतु में हमारे शरीर में मौजूद पसीने की ग्रंथि अधिक सक्रिय हो जाती है। ऐसे मौसम में स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक है कि हमारा शरीर में पानी की सही मात्रा मौजूद हो। निर्जलीकरण का विचार मस्तिष्क में आते ही सर्वप्रथम हमें पानी का स्मरण होता है। परंतु पानी पीने के अलावा भी ऐसे कई उपाय हैं जो आपके शरीर में पानी की अपेक्षित मात्रा बनाए रख सकते हैं।

क्या आप निर्जलीकरण की शिकार हैं?

कैसे पता लगाएं की आप निर्जलीकरण से पीड़ित हैं अथवा नहीं? दुर्भाग्यवश कई व्यक्ति निर्जलीकरण से प्रभावित होने के बाद भी इस बारे में पता नहीं कर पाते। यह वे लोग होते हैं जो निर्जलीकरण के लक्षणों को लंबे समय से नजरअंदाज करते आ रहे हैं। निर्जलीकरण केवल प्यास की एक भावना नहीं अपितु यह शरीर में रक्त संचार के साथ साथ शारीरिक क्रियाओं को भी प्रभावित करता है। निर्जलीकरण के कुछ लक्षण हैं:

  • अत्याधिक प्यास लगना
  • सिर दर्द और थकान
  • ऊर्जा का आभाव महसूस होना
  • पेशाब में कमी
  • गाढ़े पीले अथवा भूरे रंग की पेशाब
  • अश्रुओं में कमी

हालांकि इनमें से कई लक्षणों का सामना हम नित्य रूप से करते हैं, और इसे सामान्य भूख अथवा प्यास से जोड़ते हैं। नियमित रूप से पानी पीने को अक्सर हम निर्जलीकरण का सबसे अच्छा उपाय मानते हैं, परंतु क्या आप जानती हैं कि कभी-कभी यह उपाय आपके शरीर में पानी की अपेक्षित मात्रा को बढ़ा सकता है। अतः आइये उन उपायों के बारे में जानते हैं जो इस ग्रीष्म ऋतु में आपके शरीर में अपेक्षित पानी की मात्रा को बनाये रखेंगे।

स्वस्थ भोजन

ग्रीष्म के तापमान को झेलने के लिए एक स्वस्थ भोजन जिसमें भरपूर मात्रा में तरल खाद्य पदार्थ मौजूद हों, एक बेहतरीन उपाय है। केवल तरल पदार्थों के सेवन की अपेक्षा आप अपने भोजन में वे वस्तुएं शामिल करें जो आपके शरीर में पानी की कमी को दूर करने में सहायक हों।

कुछ खाद्य पदार्थ जो निर्जलीकरण से लड़ने में आपकी सहायता कर सकते हैं उनके बारे में आप नीचे विस्तारपूर्वक पढ़ सकती हैं।

खीरा

यह शीतल और पोषक खाद्य पदार्थ 95% जल से भरा हुआ है और विटामिन सी, विटामिन के, रिबोफ्लेविन, मैग्नीशियम बी-6, पैंटोथेनिक एसिड, फोलेट, कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन, जिंक और सिलिका से भरपूर है। खीरे का उच्च जल स्तर आपके शरीर के अनचाहे तत्वों को सरलता से हटा सकता है। खीरे में मौजूद मैग्नीशियम रक्त संचार को नियमित कर आपकी मांसपेशियों और नसों को आराम पहुँचाता है।

संतरे

इस साइट्रस फल में कॉलेस्ट्रॉल और सोडियम नहीं होता। संतरा पोटैशियम से भरपूर होता है जो ग्रीष्म से लड़ने के लिए एक कारगर तत्व है। इसके अलावा इसमें कई प्रकार के विटामिन जैसे विटामिन-सी, विटामिन-ए, विटामिन बी-12, विटामिन डी, विटामिन बी-6 के अलावा मैग्नीशियम और कैल्शियम जैसे पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं। संतरे में लगभग 80% पानी होता है अतः संतरे के कुछ फाहे आपको ग्रीष्म ऋतु में आराम पहुंचा सकते हैं।  संतरे में मौजूद बीटा कैरोटीन मुक्त रेडिकल्स से लड़ कर आपकी त्वचा की ग्रीष्म ऋतु में होने वाली हानियों से रक्षा करता है।

तरबूज

जैसा कि इसके नाम से समझ आता है, तरबूज या वाटर-मेलन में 92% पानी होता है। तरबूज को शरीर के रोग हारने वाले फल के नाम से भी जाना जाता है। तरबूज में लायकोपिन और अन्य एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो कि मुक्त रेडिकल्स से लड़ते हैं उनसे होने वाले नुकसानों से त्वचा की रक्षा करते हैं। तरबूज  में विटामिन-बी, सोडियम, पोटैशियम और एलेक्ट्रोलयट्स भी बहुतायत में पाए जाते हैं जो कि स्वस्थ शरीर के लिए आवश्यक हैं।

बेरीज़ ( स्ट्राबेरी, ब्लूबेरी, रेस्पबेरी)

बेरीज़ को सुपर फ़ूड माना जाता है जो कि उम्र बढ़ने के लक्षणों को रोकती हैं। इनमें पानी भी भरपूर मात्रा में होता है जो कि शरीर में पानी की पूर्ति करने के लिए पर्याप्त हैं। बेरीज में से स्ट्राबेरी में 91% पानी और विटामिन-बी होता है जो कि रक्त संचार सुचारू रूप से चलाने में सहायक होता है। रेस्पबेरी और ब्लूबेरी में पानी लगभग 85% होता है और ब्लैकबेरी में 88.2% पानी पाया जाता है।

दही

ग्रीष्म ऋतु में पानी की कमी को दूर करने हेतु दही एक बेहद ही कारगर उपाय है। दही में पोटैशियम और सोडियम होता है जो कि आपके शरीर में एलेक्ट्रोलयट्स की पूर्ति करती है। यह तुरंत ही आपको शीतलता प्रदान करता है और पचाने में भी आसान होता है।

अजमोद एवं अन्य पत्तेदार सब्जियां

अजमोद या सेलरी में 96% पानी होता है और इसके अतिरिक्त इसमें भरपूर मात्रा में मिनरल साल्ट्स, एमिनो एसिड, और अन्य विटामिन होते हैं जो कि पेट के अम्ल को निष्क्रिय करते हैं और शरीर में पानी की आवश्यकता को पानी की अपेक्षा दुगनी तेज़ी से पूर्ण करते हैं। विभिन्न प्रकार की हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे ब्रोक्कोली, पालक आदि भी निर्जलीकरण से निपटने के लिए बेहतरीन विकल्प हैं क्योंकि ये सभी पानी, विटामिन और अन्य पोषक तत्वों से परिपूर्ण होते हैं।

अनार

अनार निर्जलीकरण से निपटने के लिए एक बेहद कारगर एंटीऑक्सीडेंट्स का स्रोत है।  अनार पोलीफेनॉल्स का भी अच्छा स्रोत है जो रक्त-संचार बढ़ाने में और आपकी त्वचा को कड़ी धूप से होने वाले नुकसानों से बचा सकने में सक्षम है।

वैकल्पिक तरल पेय

नारियल पानी

ग्रीष्म ऋतु में शायद ही कोई ऐसी वस्तु हो जो आपको नारियल पानी जितना जल्दी आराम और तरोताज़ा कर सकने में सक्षम हो। कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम और फॉस्फेट जैसे तत्वों के कारण नारियल पानी दुनिया भर में सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला पेय है। यह आपके शरीर से आवश्यक लवण को कम होने से रोकने के साथ-साथ एलेक्ट्रोलयट्स को भी बढ़ाता है जिससे आपका पाचन तंत्र दुरुस्त होता है और शरीर में शक्कर की प्राकृतिक मात्रा बनी रहती है।

छाछ

छाछ ग्रीष्म ऋतु में उपयोग में लायी जाने वाली एक बेहतरीन पेय है जो कि तापमान में हुई बढ़ोतरी और शरीर में हुई पानी की कमी को पुनः स्थापित करने में सहायक हो सकती है। यह शीतल पेय विटामिन बी-12, रिबोफ्लेविन, पोटैशियम, कैल्शियम और फॉस्फोरस का बेहतरीन स्रोत है जो कि शारीरिक तापमान को प्रभावी रूप से कम करने में सक्षम है।  छाछ शरीर में हुए अत्यधिक पसीने के कारण हुई मिनरल की कमी को भी पुनः स्थापित कर सकती है।

ऊपर दर्शाये गए सभी तरीके कारगर रूप से इस ग्रीष्म ऋतु में आपको निर्जलीकरण से राहत प्रदान कर सकते हैं। जब भी शरीर में पानी की मात्रा तय सीमा से कम होती है तो हमें निर्जलीकरण की समस्या से जूझना पड़ सकता है और यदि हम इसे नज़रअंदाज़ करते हैं तो ये हमारे शरीर के लिए बेहद विषम परिस्थिति उत्पन्न कर सकता है। अतः नियमित रूप से इन वस्तुओं का उपयोग करें और निर्जलीकरण से जितना ज्यादा हो सके, दूर रहें।

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