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जब आपकी बेटी 18 साल की हो जाए तो उससे क्या बात करें?

June 28, 2016 | by ashish963@gmail.com

आपकी लाड़ली के जीवन में बड़ा बदलाव तब आता है जब वो तरुणावस्था से 18 वर्ष की अवस्था में आती है। जब उसके बिना रोकटोक वाले मौजमस्ती के दिन पूरे हो जाते हैं। ये वो समय है जब उसे ये समझना और निर्णय लेना पड़ता है कि क्या अच्छा और क्या बुरा है। आपका सारा अनुभव और सोच उसे आपकी ओर आकर्षित कर भी सकता है और नहीं भी। और जहाँ आपको उसका अभिभावक न बनकर उसका मित्र बनना होगा। ऐसी अवस्था मे आपकी कानूनी रूप से बालिग लाड़ली के मित्र आपसे ज्यादा  उसके दिल और दिमाग के ज्यादा नजदीक होते हैं। जब तक आप एक मित्र की तरह उसका दिल न जीत लें वो आपकी हर बात को दखलंदाजी महसूस करेगी। सभी माताओं को ये सुनिश्चित करना चाहिए कि हर एक विषय पर सोच-समझ कर हल्के-फुल्के अंदाज़ में बात करें, क्योंकि जब तक आप उसके अनुकूल बात नहीं करोगी तो आप उसे अक्खड़ बना सकती हैं। यहाँ कुछ ऐसी बातें हैं जो आपको उसके 18 वर्ष की होने पर उसके साथ विचार करनी चाहियें-

अपनी कर्मभूमि को चुनो

उसे बताएं कि उसके जीवन में सभी चीज़ों के लिए संघर्ष करना जरूरी नहीं है। यह केवल उसकी पॉजिटिव ऊर्जा को बाहर निकाल देगा और उसे जीवन के दुसरे पहलूओं के बारे मे नकरात्मक और संदेहास्पद बना देगा। उसमे पॉजिटिव ऊर्जा विकसित करने के लिए उसे पहले अपने लिए संघर्ष करने और बाद में दूसरों की रक्षा करने के लिये प्रेरित करें। तब जाकर उसे पता चलेगा कि जीवन में कौनसा संघर्ष ज्यादा महत्वपूर्ण है।

बाधाएं आएंगी और जाएंगी

प्रत्येक समस्या संसार का अंत नहीं है, ये सिर्फ समय की बात है। ईमानदार होना किसी को कष्ट नहीं पहुंचाता जब तकाप सामने वाले को ठेस न पहुँचाना चाहें। घबराहट से कोई समस्या हल नहीं होती। यद्यपि आप असफल हो जाएं फिर भी आपको कुछ सीखने को मिलेगा। और इसके बाद फिर कोशिश करें और आगे बढ़ें।

सोशियल मीडिया से सचेत रहें

इसे इस्तेमाल करना आसान और आकर्षक हो सकता है क्योंकि यह आपको अपनी ओर सम्मोहित करता है। पर जो भी आप करते, कहते या भेजते हैं वो नेटवर्क के जाल क्लाउड स्पेस में सुरक्षित रहता है। किसी को भी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से ऐसा सन्देश न भेजें जो आप समाचार पत्र में नहीं देखना चाहती। यदि आप इसे मिटा भी दें तो इसका एक ब्लूप्रिंट रहता है और इसे कहीं न कहीं दोबारा वापस पाया जा सकता है।

अपने शब्दों को समझदारी से चुनो

शब्दों से रिश्ते टूटते और बनते हैं। आपको उसे हर स्थिति में विनम्र होने की शिक्षा देनी चाहिए। तभी उसे ऐसा ही विनम्र व्यवहार मिलेगा।

आप हमेशा उसके साथ रहेंगी

उसे विश्वास दिलाएं कि अगर वो सही है या ज्यादा सही नहीं है, आप हमेशा उसके साथ रहेंगी। जब वह गलत होगी तो उसे अपनी गलती स्वीकार करनी होगी, फिर भी आप उसे प्यार करेंगी।

वह अद्वितीय और सुन्दर है

वह अपने आप में अनोखी है और कोई इस बात को नकार नहीं सकता। यह सही है कि कोई ऐसा हो जो उसे सुरक्षा का एहसास दिलाए पर उसे ये याद रखना होगा कि वह उसे अपनी संपत्ति न समझे।

ना कहना सीखो

कोई भी उसे ऐसा करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता जो वो नहीं करना चाहती या जो उसकी मर्यादाओं के अनुकूल नहीं है।

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