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स्त्रियाँ महिलाओं के निर्वस्त्र नितम्बों की १००१ तस्वीरे ले रही हैं ये सिद्ध करने के लिए कि वो हर आकृति और आकार के होते हैं

October 6, 2017 | by ashish963@gmail.com

९८% स्त्रियाँ अपने शरीर को लेकर असुरक्षित महसूस करती हैं और इस असंतोष का कारण उनके वजन के मुद्दे पे केन्द्रित होता है जैसे कि बहुत मोटे होना या बहुत पतले होना । स्त्रियाँ अपने रूप का इतना ध्यान रखती हैं क्यूंकि उनके लिए, उनका बाहरी रूप ऐसा है कि दूसरों के द्वारा उनके मूल्यांकन करने में एक विशेष भूमिका अदा करता है। इसके बावजूद, स्त्रियाँ ऐसी हैं कि वो स्वयं को ही नापसंद करती हैं, स्त्रियों की स्वयं से इस असुरक्षा और असंतोष के लिए प्रायः पुरुषों को ही दोषी ठहराया जाता है। और ज्यादातर समय ये खांचे इन स्त्रियों के पतियों या उनके ब्वाय्फ्रेंड्स के कब्ज़े में होते है।

पुरुष प्रायः बहुत ध्यान रखते है जब वो अपनी स्त्रियों से उनके शरीर के बारे में बात करते हैं क्यूंकि वो जानते हैं कि उनका रूप उनके लिए बहुत अहम है। चाहे वो अपनी स्त्रियों के आस पास होते हुए अपनी जिव्हा को बस में रखे पर कभी कभी चीज़ें गलत दिशा में चली जाती हैं। हो सकता है कि वो जो मूवी देख रहे थे और उसमे से ही किसी बेहद सुन्दर दिखने वाली अभिनेत्री की तारीफ की हो। जो अगली चीज़ आपके दिमाग में आती है वो है आपके साथी की स्त्रियों के प्रति भावनाएं और आदर्श वरीयताएँ, जो कि बाद में आपको अपने फिगर और रूप को लेकर अनन्त प्रश्नों के साथ छोड़ जाता है।

स्त्रियाँ अपने शरीर को लेकर असुरक्षित क्यूँ महसूस करती हैं?

इसमें स्त्रियों की कोई गलती नहीं है कि वो अपने शरीर से संतुष्ट नहीं हैं । चित्रकार द्वारा चित्रित रेत-घड़ी के आकार की सुन्दरता एक रुढ़िवादी स्त्रीत्व का आदर्श उदहारण है जो कि प्राचीन काल से लिया हुआ एक बेहद ही अतिशयोक्तिपूर्ण उदाहरण है। उसी तरह , आजकल, टीवी, पत्रिकाओं और इन्टरनेट पे कभी न ख़तम होने वाले विज्ञापन, बहुत ही अच्छे फिगर वाली मॉडल्स और फ़िल्मी सितारे, हमारे अन्दर एक आदर्श फिगर की इच्छा जगाते हैं।

हम देख सकते हैं कि बहुत सी स्त्रियाँ बेहद ही सख्त भोजन योजना और व्यायाम अपनाती हैं ताकी वो और पतली हो जाएँ जबकि भगवान ने उन्हें पहले से ही पतले शरीर से नवाज़ा होता है।

Abstraction is everywhere #bodydiversity #bodypositivity #bpdypositive #bellybutton

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सेहतमंद और सेक्सी होने के लिए व्यायाम करना बहुत ही अच्छी चीज़ है पर इस तरह की कार्यशैली सिर्फ स्वस्थ एवं रोगमुक्त शरीर के लिए ही नहीं होती है बल्कि उन स्त्रत्रियों को पीछे छोड़ने के लिए भी होती है जो सोचती हैं कि उनके पास उनसे ज्यादा अच्छी संपत्ति है। बल्कि सत्य तो ये है के जब बात रूप की हो तो स्त्रियाँ पुरुषों से बड़ी प्रतियोगी होती हैं, जो कि स्पष्ट रूप से बताता है कि क्यूँ एक सपाट नितम्ब की लड़की जो की ऊपर से नीचे तक सुन्दर है वो एक नितम्ब का प्रत्यारोपण चाहेगी वो भी एक ऐसी सामान्य लड़की से प्रतियोगिता के कारण जिसका नितम्ब सुन्दर एवं सुडौल है।

इन स्त्रियों के असंतुष्टि के मुख्य स्थान स्तन एवं नितम्ब हैं। बड़े , सपाट, छोटे, ढीले, एक-तरफा- दिक्कतें तो अनंत हैं। ऐसी अति असुरक्षित स्त्रियाँ अपने शरीर को सुन्दर और सुडौल बनाने के लिए बहुत सारे अस्वस्थ तरीके अपनाती हैं जैसे कि प्रत्यारोपण (इम्प्लांटेशन) एवं प्लास्टिक सर्जरी।

द प्रोजेक्ट १००१ फेस्सेस – एमिली मेर्सिएर एवं फ्रेडेरिक मर्सेइल्ले के द्वारा किया गया मिशन

१००१ फेस्सेस ( फेस्स फ्रांसीसी भाषा का एक शब्द है जिसका अर्थ है तली या आधार) एक कार्यक्रम है जिसका शुभारंभ दो मोंट्रियल में रहने वाली कलाकारों ने किया जिससे कि वो महिलाओं के नितम्बों की सुन्दरता का अनुष्ठान कर सकें इनका नाम एमिली मेर्सिएर एवं फ्रेडेरिक मर्सेइल्ले है । ये परियोजना थी १००१ स्त्रियों के नितम्बों की तस्वीरें लेने की जिससे कि हम बड़े पैमाने पे फैले हुए अपने ही नितम्बों से घृणा के जूनून से छुटकारा प्राप्त कर सकें।

Break a leg! #actress #comedian #comedienne #plâtre #venus

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वे कौन हैं?

एमिली एवं मर्सेइल्ले दोनों बचपन की सहेलियां और फोटोग्राफ़र हैं जिन्होंने १००१ महिलाओं के निर्वस्त्र नितम्बों की तस्वीरें लेने की परियोजना का नेतृत्व किया, इन्होने इन्स्ताग्राम पे इनके निर्वस्त्र नितम्बों की आकर्षक प्रतिछाया को साझा करके इस परियोजना की शुरुआत की। इन दोनों ने अपने ब्लॉग में उल्लेख किया है कि इन्हें भी एक समय तक अपने नितम्बों को लेकर असुरक्षा महसूस होती थी और अब वो तलाश कर रही हैं कि दूसरी स्त्रियां इसके बारे में कैसा महसूस करती हैं।

क्या है उनका लक्ष्य ?

एमिली एवं मर्सेइल्ले के अनुसार ये दुनिया विविधता की अद्भुत्ता से परिपूर्ण है। इस परियोजना का मुख्य लक्ष्य है कि स्त्रियाँ अपने पीछे के भाग को उसी रूप में स्वीकार करें।

द प्रोजेक्ट १००१ फेस्सेस २०१४ में शुरू हुआ जिससे कि १००१ महिलाओं के निर्वस्त्र पृष्ठभाग की तस्वीरें ले सकें, जिसके द्वारा ये माना जाता है कि इतने सारे विभिन्न प्रकार के महिला नितम्बों को देखने के बाद हर स्त्री के अन्दर अपनी खामियों के प्रति सकारात्मक रवैया आएगा। ज्यादातर समय स्त्रियाँ बहुत अजीब हो जाती हैं और साथ ही साथ अपने नितम्बों के बारे में समीक्षा करती हैं कि वो बहुत मोटे हैं या बहुत छोटे हैं या कोई भी कमी।

इस कार्यक्रम के द्वारा एमिली एवं मर्सेइल्ले चाहती हैं कि स्त्रियों को एहसास हो कि हर एक स्त्री कितनी अद्वितीय है, और ये जोड़ी ये भी मानती है कि यदि वो दूसरी स्त्रियों के निर्वस्त्र नितम्बों की १००१ तस्वीरें देख लेंगे तो उन्हें अपने नितम्बों से भी प्रेम हो जाएगा।

तस्वीरों के पहले समूह के लिए, जोड़ी ने ६०० से ज्यादा स्वयंसेवकों(वौलन्तिएर्स) को मना लिया। मॉडल्स की पहचान का खुलासा किये बिना, सारी तस्वीरें दिन की रौशनी में ली गयीं।

अभी इस वक़्त, ये टोली चाह रही है कि आम जनता के वित्त पोषण से अपने लक्ष्य को समर्थन कर सकें और १००१ स्त्रियों के निर्वस्त्र नितम्बों की तस्वीरें एकत्रित करके इस परियोजना को पूर्ण कर सकें।

आम जनता के वित्त पोषण (फंडिंग) के पैसों से सारे विश्व का भ्रमण करने में और दूसरे देशों की १००१ स्त्रियों की निर्वस्त्र नितम्बों की तस्वीरें लेने में उपयोग होगा।

पिछले वर्ष उन्होंने अपनी परियोजना का वर्णन करते हुए एक फेसबुक पेज शुरू किया था जिसमे कि ६५०० के करीब अनुयायी बहुत ही कम समय में बन गए किन्तु इसे बंद करना पड़ा क्यूंकि फेसबुक के नियमों के अनुसार इस पेज में अश्लील प्रकरण/ सामग्री थी । अब उन्होंने एक नया फेसबुक पेज बनाया जिससे कि वो फिर से खुले विचारों वाले नितम्ब प्रेमियों के लिए एक समुदाय बना सकें।

अब तक, उन्होंने फ्रांस, बेल्जियम, स्विट्ज़रलैंड और क्यूबेक में सैंकड़ों महिलाओं के निर्वस्त्र नितम्बों की तस्वीरें ली हैं। जबकि इस परियोजना की तस्वीरें सिर्फ और सिर्फ इस जोड़ी के द्वारा ही खीचें जा रहें हैं, वो अपने समर्थकों के लिए भी खुले हैं जो अपने निर्वस्त्र नितम्बों की तस्वीरें उन्हें ईमेल कर रहें हैं, जोकि इस परियोजना की वेबसाइट पर साझा होगा।

किसी को उसके तकलीफों के बारे में अच्छा महसूस कराने के लिए सबसे सही तरीका यही है कि हम उन्हें कुछ उदहारण दिखाएँ जहाँ वो जुड़ सकें और जानें कि कुछ और लोग भी हैं जो इन्हीं तकलीफों से गुज़र रहें हैं। हम ये आशा करते हैं कि ये परियोजना स्त्रियों का अपने ही शरीर से घृणा की सोच में कुछ अंतर पैदा कर दे।

Dans les derniers pas de l’hiver #sutton #tourismesutton #pinède #pinetrees #strongwoman #bodydiversity

A post shared by 1001fesses (@1001fesses_project) on Mar 3, 2017 at 6:14am PST

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