girlopedia.com

open
close

मासिक ऋतुस्राव की मिथ्या – लडकियोंके भलाई के लिए जो जानना जरुरी है

April 13, 2017 | by ashish963@gmail.com

कैथी अपनी प्रिय सहेली से दूरभाष पर कह रही थी, “ओह, मैं मासिक के समय बहुत बेचैन हो जाती हूँ”।

“मैं भी। मुझे तो बाहर जाना, साइकिल चलाना या तैरना भी अच्छा नहीं लगता। लड़कियों को ये सब क्यों झेलना पड़ता है? और वैसे भी मुझे वो पतले पैड पहने हुए डर लगता है कि कहीं कुछ करते हुए वो फट न जाएं”, उसने अपनी सहेली से अपना डर जताते हुए कहा।

हे ईश्वर! लड़कियों को हर महीने ऋतुस्रव होता है और सालों से मासिक होता आया है, और फिर भी उनकी इतनी सारी भ्रांतियाँ हैं, है ना? साथ ही, महीने के उन दिनों का कष्ट केवल महिलाएं ही जानती हैं और उन्हें अपने उत्तर भी नहीं मिलते। यह बहुत दयनीय है। जो भी हो, ऋतुस्रव की चार मिथ्याओं का खुलासा सबकी भलाई के लिए इस चलचित्र में किया गया है।

क्या मैं कच्छी के अस्तर रोज़ पहन सकती हूँ?

आरोग्यकर पैड आपकी योनिक स्राव को नियंत्रित करने का एकमात्र साधन नहीं है। मासिक समाप्त होने के बाद भी कुछ महिलाओं को श्वेत या पीले स्राव का अनुभव होता है और आप अपनी योनि को स्वच्छ रखना चाहेंगी ही। कच्छी के अस्तर का प्रयोग करना आपकी योनिक स्राव को नियंत्रित करने तथा योनिक संक्रमण को दूर रखने के लिए उत्तम है। अतः हाँ, आप रोज़ाना या योनिक स्राव के समय कच्छी के अस्तर पहन सकतीं हैं।

पतले पैड किसी काम के नहीं हैं

आजकल जितना पतला हो उतना अच्छा और आप मेरी बात को लिख लें। उन पंख समान हल्के पैड को पहनकर आप न केवल अधिक आराम का अनुभव करेंगी बल्कि आप अधिक स्राव के समय भी निश्चिंत रह सकती हैं।

अच्छा, तो आपके कुछ और भी प्रश्न हैं? क्यों न इस चलचित्र को देखकर कुछ जानकारी प्राप्त करें? शुभ ऋतुस्रव का समय आ गया!

RELATED POSTS

View all

view all