गुदा बनाम योनिक सम्भोग – वह सबकुछ जो आप गुदा और योनिक सम्भोग के बारे में जानना चाहते हैं
August 3, 2016 | by ashish963@gmail.com
सम्भोग करना उपभोग, प्रेम और आनंद की क्रिया है। व्यक्तिगत तौर पर कहूं तो जब मैं सम्भोग के विषय में सोचती हूँ तो मुझे पता है कि मुझे क्या पसंद है, पर सच बोलूं तो कुछ चीज़ें हैं जिन्हें मैंने आज तक नहीं परखा। इसलिए मैं यह ठीक से नहीं जानती कि जानी और अनजानी चीज़ों में से क्या बेहतर है। जब गुदा सम्भोग की बात आती है, तो बहुत सी स्त्रीयों ने इसके उपभोग को नहीं आज़माया है। पर सच कहें तो गुदा मैं बहुत सी शिराएं रुकती हैं जो अत्यधिक संवेदनशील हैं और योनि से अधिक गहन वेदना जगाती हैं। इसके अलावा, योनि का अपना उपस्नेहन होता है जो उपभोग को बढ़ा देता है जबकि गुदा में ऐसा कुछ नहीं होता – क्योंकि यह वास्तव में भेदन के लिए नहीं बना है – अतः सम्भोग तभी आनंदमय होता है जब ढेर सारा स्नेहक और धैर्य हो।
योनि की पेशियाँ भेदन, मुड़ने और खिंचने के लिए लचीली होती हैं, जबकि गुदा और संकोचक पेशियों का स्वाभाव ऐसा नहीं होता है। वे केवल शरीरिक गंद को त्यागने हेतु लचीले होते हैं। अतः शुरू में पीछे के द्वार से भेदन करने में रूकावट होती है। दो तीन बार कोशिश करने पर इन पेशियों को भेदन की आदत हो जाती है, उन्हें इस क्रिया का अभ्यास हो जाता है और वे पहली प्रतिक्रिया के विपरीत ढीले होना सीख जाते हैं।
गुदा सम्भोग से गुदा के किनारे के सभी उपभोग बिंदु सक्रिय हो जाते हैं और इसलिए यह परिवर्तन हेतु गुदा सम्भोग के बारे में सोचनेवाले के लिए बड़ा आकर्षक होता है। यह केक के ऊपर रखी चेरी के समान माना जाता है और इसका मज़ा तभी आता है जब आपको इसकी आदत हो जाए। हालाँकि जब सम्भोग की बात आती है तो योनिक सम्भोग अब भी सबका प्रिय और प्रधान विकल्प है, पर गुदा सम्भोग भी तेज़ी से बढ़ रहा है और बहुत सी महिलाओं का प्रिय बन रहा है। पुरुष गुदा सम्भोग को अधिक पसंद करने का दावा करते हैं क्योंकि इससे उन्हें योनि से अधिक मज़बूत पकड़ का अहसाह होता है और साथ ही वे बाकि देह का उपभोग भी आराम से कर सकते हैं। जब आप अपनी शैयाकक्ष में अधिक रोमांचकारी होना चाहते हैं, तो अपने संगी की सहमति से गुदा सम्भोग का प्रयास करें। स्त्रियां इससे बहुत अधिक उपभोग करने का दावा करती हैं। जब संगी गुदा से भेदन करता है तो उन्हें बहुत अच्छा लगता है और एकता महसूस होती है, जबकि योनिक सम्भोग में उन्हें ये डर लगा रहता है कि निरोध के निष्फल होने से कहीं अनचाही सगर्भता न हो जाए।
यदि आप मौलिक स्वछता का ध्यान रखते हैं तो योनिक सम्भोग में संक्रमण नहीं होता है, जबकि गुदा सम्भोग में एचआईवी संक्रमण की सम्भावना अधिक होती है, अगर आवश्यकता के अनुसार सफाई का ध्यान न रखा जाए और निरोध को समय पर न बदला जाए। एक निरोध के साथ योनि से निकलकर गुदा में प्रवेश करने में कोई आपत्ति नहीं है, परन्तु उसी निरिध के साथ इसका ठीक विपरीत कार्य कदापि न करें।
आपका जो भी चयन हो, उसका भरपूर आनंद लेना आपके ऊपर निर्भर करता है और आप अपनी स्वछंता के मापदंडों का सदैव पालन करें।
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